भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2) के अनुसार, जो कोई भी जानबूझकर किसी को चोट पहुँचाता है, तो उसे एक साल तक की कैद, या ₹ 10,000 तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं । यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ कोई व्यक्ति यह जानते हुए भी कोई ऐसा काम करता है, जिससे किसी दूसरे व्यक्ति को चोट पहुँच सकती है, जैसे मारपीट या धक्का-मुक्की। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील हरकतें या गाने से संबंधित है और इसके लिए तीन महीने तक की कैद, ₹1,000 तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है । इसका उद्देश्य सार्वजनिक नैतिकता और शालीनता को बनाए रखना है। यह धारा सार्वजनिक स्थानों पर किए गए ऐसे कृत्यों को दंडित करती है जो दूसरों को परेशान करने के इरादे से किए जाते हैं। क्या है अपराध : कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत करता है या अश्लील गाना, गाथागीत या शब्द गाता या सुनाता है। सजा : तीन महीने तक की कैद या एक हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों। उद्देश्य : सार्वजनिक स्थानों पर अश्ली...
सन्दर्भ : अप.क्र. 1197/2025, थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर छ.ग. धारा 309(4),3(5) बीएनएस। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 309(4) के अनुसार, जो कोई भी डकैती करेगा, उसे 10 साल तक के कठोर कारावास और जुर्माने की सज़ा हो सकती है । यदि डकैती सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच राजमार्ग पर की जाती है, तो सज़ा को बढ़ाकर 14 साल तक किया जा सकता है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 3(5) सामान्य आशय के सिद्धांत से संबंधित है। इसके अनुसार, जब कोई आपराधिक कार्य कई व्यक्तियों द्वारा एक सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है, तो उनमें से प्रत्येक व्यक्ति उस अपराध के लिए उसी तरह जिम्मेदार होगा जैसे कि उसने वह अपराध अकेले किया हो । इसका मतलब है कि यदि एक समूह के सभी सदस्य मिलकर कोई अपराध करते हैं, तो हर सदस्य को सामूहिक रूप से दोषी माना जाएगा, भले ही उसने अपराध में सीधा योगदान न दिया हो। ♦ लूटपाट करने वाले ऑटो चालक को थाना सिविल लाईन पुलिस ने किया गिरफ्तार। आरोपीगणो से घटना मे प्रयुक्त ऑटो क्रमाॅक ^^^^^ किया गया जप्त। *नाम आरोपी:ः- * 01. #####...